वाराणसी का संक्षिप्त इतिहास :-
![]() |
Kashi par kavita |
महाभारत में वाराणसी का वर्णन वेदव्यास जी ने भी एक गद्य में वर्णन किया है :-
* गंगा तरंग रमणीय जातकलाप नाम
गौरी निरंतर विभूषित वामभागम
नारायण प्रियम अनंग महापहारम
वाराणसी पुर पतिमभज विश्वनाथम ।
मतस्य पुराण में शिव जी कहते है :-
प्रविष्टात्रिपदा गंगा तस्मिन क्षेत्रे मम प्रिये।।
ब्रह्म पुराण में भगवान शिव पार्वती जी से कहते है ।:-हे प्रिये, वरणा और असि इन दोनो नदियों के बीच में ही वाराणसी क्षेत्र है। उसके बाहर किसी को नहीं बसना चाहिए।
स्कंद पुराण में 15000श्लोकों में काशी नगरी का वर्णन मिलता है। जिसमें एक श्लोक में भगवान शिव कहते हैं :-तीनों लोकों से समाहित एक शहर है, जिसमें स्थित मेरा निवास प्रसाद है।
वाराणसी की विशेषता-
भगवान शिव की नगरी, मंदिरों का शहर, ग्यान की नगरी और न जाने कितने नामों से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत बानारस घराना की उत्पति यही से हुई है।
यहा की गायकी अति कर्ण प्रिय होती है। भारत के कई दार्शनिक, लेखक,कवि,बनारस में ही रहे है। जिनमें मुख्य संत कवीर,बल्लभाचार्य,स्वामी रामानंद, रविदास, मुंशी प्रेम चंद्र, जयशंकर प्रसाद, रामचंद्र शुक्ल, पं हरिप्रसाद चौरसिया, पं रविशंकर, गिरिजा देवी और रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसी दास यही रहे थे।
प्रसिद्ध मंदिर :-
बानारस में चार विश्वविद्यालय स्थित है :-
प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक टवेन द्वारा :-
बनारस इतिहास से भी पुराना है। परंपराओं से भी पुराना है। किंवदंतियों से भी पुराना है। यदि इन सभी को एकत्रित कर दिया जाय तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।
अब मैंने इस पवित्र स्थली को शब्दों में बांधने की छोटी सी कोशिश किया है, आप सभी का स्नेह अपेक्षित है।
काशी पर कविता
![]() |
varansi ganga aarti |
तीनों धाम गुण गावे
धन्यवाद पाठकों
रचना -कृष्णावती कुमारी
Popular train routes:-
*Haridwar to varansi trans
*Hugli to Varansi
*Guwahati to Varansi
*Tirupati to varansi
*Mathura to Varansi
Hotel in Varansi :-
*3star hotel in varansi
*4star hotel in varansi
*5star hotel in Varansi
Cheap hotel in Varansi
Hotel in Varansi under 1000/rs